ज़िंदगी का पहिया अपनी पूरी रफ़्तार से चलता जाता हैं और इसी रफ़्तार में फँसा हर इंसान, हर रोज़ वही काम वही रुटीन, एक दबाव जैसा महसूस करता हैं | हर दिन हम कुछ ऐसे लोगो से रूबरू होते है जो बहुत असामान्य जीवन जीते है पर ज़िंदगी में कठिनाइयों की फरियाद ना करते हुए आगे बढ़ते रहते हैं, और उनकी जीवन शैली हमें एक नयी ऊर्जा प्रदान करती हैं|
लैंगिक समानता के नारे हम रोज़ बुलंद करते है पर जीवन के कुछ पहलू ऐसे भी है जहा मर्द औरत की बराबरी नही कर सकता| वर्तमान की नारी पुरूष से अधिक शक्तिशाली है। वह ऑफिस में ऑफिसर और घर में माँ, पत्नी और बहू के रोल बखूबी अदा करती है। इसलिए हर 8 मार्च को हम “वूमन्स डे” यानी महिला दिवस मनाते हैं|
ऐसी ही एक नारी हमारे साथ Pay1 में है| ज़िंदगी को बहुत ही खूबसूरत तरीके से संतुलित कर ऑफीस और पर्सनल लाइफ को मॅनेज करने मे उनकी ख़ूबी हमें प्रेरणा देती हैं|
14 जनवरी 2014 को नाज़िया ने Pay1 में अपना पहला कदम रखा, कस्टमर केयर एग्ज़िक्युटिव के पद से शुरुआत की और 6 महीनो में ही टीम लीडर बन गई| कस्टमर के प्रति सटीक ज्ञान और नई चीज़े सीखने की उनकी चाह के चलते उन्हे इतनी बड़ी ज़िम्मेदारी दी गई| Pay1 से जुड़ने के 1 वर्ष बाद ही उनका विवाह हुआ| काम के प्रति उत्सुकता और अद्भूत लगाव तो था ही, वैवाहिक जीवन से मिली भावनात्मक स्थिरता ने उन्हे उभारा| ज़िंदगी के इसी पड़ाव पर वर्क लाइफ और निजी जीवन में तालमेल बनाए रखने का महत्व मिला| नाज़िया ने अपनी सभी ज़िम्मेदारियों को कुछ इस तरह कुशलता-पूर्वक निभाया की जल्द ही उन्हे टेली-सेल्स विभाग भी सौपा गया|
चेहरे पर खिलखिलाहट के साथ नाज़िया कहती है, “नई चीज़े सीखना हमेशा एक चुनौती है| मैने यहा बहुत कुछ सीखा और टीम संभालने की ज़िम्मेदारी ने मुझमे आत्मविश्वास भर दिया| कस्टमर से कैसे बात करें, प्रॉडक्ट्स की जानकारी कलात्मक रूप से कस्टमर को कैसे दें यह सब मैं अपनी टीम को सिखाती हूँ| यहा मेरी इतनी ज़िम्मेदारियाँ हैं की मैं अपनी निजी ज़िंदगी को ऑफीस में कदम रखते ही बाहर छोड़ आती हूँ”|
ज़िंदगी हर दम सरल नही चलती, चलना गिरना और गिरकर उठना हमें मज़बूत बनाता है| नाज़िया को अपने बेटे अहान के रूप में एक खूबसूरत तोहफा मिला पर इतनी आसानी से नही…! अहान का जन्म 2 महीने असामयिक था और इसी के चलते उसे लंबे वक़्त तक ऑक्सिजन पर रखा गया| नाज़िया हर पल अहान की इस लड़ाई में उसके साथ रही और इस चुनौती को भी जीत आई| आज भी अस्पताल के चक्कर ख़त्म नही होते पर जीवन में सन्तूलन बनाए रखने की उनकी खूबी के कारण वह रुकी नही| काम के प्रति नाज़िया की नैतिकता और कुशलता हम सबके के लिए प्रेरणा का बड़ा स्त्रोत हैं|
Pay1 में ऐसी कई “नाज़िया” है जो ज़िंदगी के साथ कदम से कदम मिला कर चले जा रही है और चुनौतियों को चुनौती दिए जा रही हैं| नारी की इसी शक्ति को Pay1 सलाम करता हैं|